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अर्थ / वाणिज्य

    नई दिल्लीः पीएम मोदी ने 8 नवंबर 2016 की राज 12 बजे से 500-1000 रुपये के मौजूदा करेंसी नोट को बंद करने का ऐलान किया और इस सुनते ही लोगों के मन में पहला सवाल आया कि अब उनके पास रखे 500-1000 रुपये के नोटों का क्या होगा? क्या वो नोट रद्दी हो गए? क्या मेहनत की कमाई के और मुश्किल से बचाए गए पैसे बेकार हो और उनकी वैल्यू जीरो हो गई? तो इन सब सवालों का जवाब है कि नहीं! अगर आप बैंक में जमा करा देंगे तो आपके 500-1000 रुपये के नोट रद्दी नहीं होंगे और उनकी जितनी वैल्यू है वो बनी रहेगी.

जिन लोगों के पास ब्लैकमनी नहीं है लेकिन उनके पास 500-1000 रुपये के काफी ज्यादा नोट हैं वो भी ना घबराएं. आपका पैसा काला धन नहीं है तो बिलकुल चिंता की बात नहीं है. जैसा कि आप जानते हैं कि बैंक में जाकर 30 दिसंबर तक तो आप ये नोट जमा करा ही सकते हैं जिससे आपके पास 50 दिन का टाइम है. वहीं और भी कई तरीके हैं जिससे आप अपने पास मौजूद 500-1000 रुपये के नोटों की पूरी कीमत वसूल सकते हैं.

1. आप बैंक खाते में जाकर ये रकम जमा कराएं और जितना जमा कराएंगे उतनी वैल्यू आपके खाते में जमा हो जाएगी. यानी आपके पैसे आपके खाते में जमा होंगे और उसकी वैल्यू बनी रहेगी.

2. आप मेट्रो स्टेशन पर जाकर 500-1000 रुपये के नोटों को देकर अपना मेट्रो कार्ड भी रीचार्ज करा सकते हैं. तो दिल्ली में मेट्रो से ट्रैवल.....

कार्तिक २०, २०७३-

भारतको धार्मिक सहरमध्येको एक हो, हरिद्वार । यहाँ १५० एकडमा स्थापना गरिएको पतञ्जलीको ‘म्यानुफ्याक्चरी कम्प्लेक्स’ बाट दैनिक तीन सय ट्रक उत्पादनहरू बाहिरिन्छन् । त्यसमा जुस र हर्बल क्यान्डी, टुथपेस्ट र साबुन, पिठो र मसाला मात्रै होइन, विभिन्न हर्बल औधषिहरूले भरिएका कार्टुनहरूसमेत हुन्छन् । 

भारतमा दैनिक उपभोग्य वस्तुहरूको ६० प्रतिशत आपूर्ति पतञ्जली आर्युवेद कम्पनीका उत्पादनबाटै हुने गरेको छ । कम्पनीले मार्च २०१६ सम्मको चार वर्षयता झन्डै १० गुणा राजस्व वृद्धि भएर ७ सय ५८ मिलियन अमेरिकी डलर पुर्‍याइसकेको छ । कम्पनीको बर्सेनि राजस्व बढेसँगै...

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